विनोद खन्ना को मुख्य रूप से हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। वह एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ-साथ फिल्म निर्माता और राजनीतिज्ञ भी थे। विनोद खन्ना ने वर्ष 1968 में मन का मीत फिल्म से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। इस फिल्म में उन्होंने प्राण का किरदार निभाया था। 5 वर्षों तक ओशो के शिष्य भी रहे। विनोद खन्ना अपने समय के सबसे महंगे अभिनेताओं में से एक हैं जैसे कि अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना। इन्होंने भारतीय जनता पार्टी की पंजाब की गुरदासपुर कांस्टीट्यूएंसी से चुनाव लड़ा दो वह उसके मेंबर ऑफ पार्लियामेंट भी रहे। वर्ष 2002 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में मिनिस्टर पोर्टल्स और टूरिज्म भी रहे। विनोद खन्ना ने हिंदी सिनेमा में 55 वर्षों से अधिक वर्षों में 151फिल्मों से अधिक में काम किया। शरीर में पानी की बहुत ही कमी होने के कारण उनको अस्पताल में भर्ती करवाया गया और तब यह पता चला कि वह ब्लड कैंसर की बीमारी से ढूंढ रहे थे। इसी बीमारी के कारण उनका 27 अप्रैल 2017 को एचएन रिलायंस फाऊंडेशन एंड रिसर्च सेंटर गिरगांव मुंबई में 70 वर्ष की आयु में देहांत हो गया।
विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पेशावर में ब्रिटिश इंडिया के समय हुआ। वर्ष 1947 में हुए भारत पाकिस्तान विभाजन के पश्चात इनका परिवार बॉम्बे ( वर्तमान मुंबई) में आकर बस गया था। इनके पिता का नाम किशन चंद खन्ना और माता का नाम कमला खन्ना है। इनके पिता कपड़े का व्यवसाय करते थे। इनकी तीन बहने तथा एक भाई है परंतु उनके नाम ज्ञात नहीं है।
विनोद खन्ना की प्रारंभिक शिक्षा सेंट मैरी स्कूल बॉम्बे से हुई, जहां से इन्होंने दूसरी कक्षा तक पढाई की थी| उसके बाद इनका परीवार वर्ष 1957 में दिल्ली में स्थानांतरित हो गया और इनका दाखिला भी वहीँ के दिल्ली पब्लिक स्कूल मथुरा रोड में करवा दिया गया| वर्ष 1960 में फिर से इनका परिवार बॉम्बे आ गया और इनका दाखिला भी बार्नेस स्कूल बोर्डिंग स्कूल नाशिक में करवा दिया गया| यहां आने के पश्चात विनोद खन्ना को फ़िल्में देखने का शोक लग गया| इन्होने पहली बार सोलवां साल और मुग़ल – ए – आज़म फिल्म देखी थी| स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात इन्होंने सिडेनहैम कॉलेज मुंबई से कॉमर्स में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की।
वास्तविक नाम | विनोद खन्ना |
उपनाम | सेक्सी सन्यासी |
विनोद खन्ना का जन्मदिन | 6 अक्टूबर 1946 |
विनोद खन्ना की आयु | 70 वर्ष |
विनोद खन्ना का जन्म स्थान | पेशावर, नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस, ब्रिटिश इंडिया |
विनोद खन्ना का मूल निवास स्थान | मुंबई महाराष्ट्र |
विनोद खन्ना के घर का पता | 13/सी एलपल्लाज़ो, लिटिल गिब्स रोड, मालाबार हिल्स मुंबई |
विनोद खन्ना की राष्ट्रीयता | भारतीय |
विनोद खन्ना का धर्म | हिंदू |
विनोद खन्ना के शैक्षणिक योग्यता | कॉमर्स में स्नातक |
विनोद खन्ना के स्कूल का नाम | सेंट मैरी स्कूल मुंबई सेंट जेवियर्स हाई स्कूल फोर्ट मुंबई दिल्ली पब्लिक स्कूल मथुरा रोड दिल्ली बार्नेस स्कूल, डोलली नाशिक |
विनोद खन्ना के कॉलेज का नाम | सिडेनहैम कॉलेज दिल्ली |
विनोद खन्ना का व्यवसाय | अभिनेता, फिल्म निर्माता और राजनेता |
विनोद खन्ना की कुल संपत्ति | 66 करोड़ रूपए |
विनोद खन्ना की वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विनोद खन्ना की लंबाई | 5 फुट 10 इंच |
विनोद खन्ना का वजन | 88 किलोग्राम |
विनोद खन्ना का शारीरिक माप | छाती 40 इंच, कमर 34 इंच, बाइसेप्स 13 इंच |
विनोद खन्ना की आंखों का रंग | गहरा भूरा |
विनोद खन्ना के बालों का रंग | सफ़ेद और काला |
विनोद खन्ना के पिता का नाम | किशन चंद खन्ना ( कपड़े के व्यवसायी) |
विनोद खन्ना की माता का नाम | कमला खन्ना |
विनोद खन्ना के भाई का नाम | प्रमोद खन्ना |
विनोद खन्ना की बहनों का नाम | 3 बहनें ( नाम ज्ञात नहीं ) |
विनोद खन्ना की पत्नी का नाम | गीतांजलि ( पहली पत्नी – वर्ष 1971 से 1985) कविता दफ्तरी ( दूसरी पत्नी – वर्ष 1990 से वर्तमान तक) |
विनोद खन्ना के बेटों का नाम | राहुल खन्ना और अक्षय खन्ना (पहली पत्नी से) साक्षी खन्ना (दूसरी पत्नी से) |
विनोद खन्ना की बेटी का नाम | श्रद्धा खन्ना (दूसरी पत्नी से) |
विनोद खन्ना की स्नातक की शिक्षा पूरी होने के पश्चात एक बार सुनील दत्त की नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने विनोद खन्ना को अभिनय के क्षेत्र में करियर बनाने का परामर्श दिया और साथ ही साथ उन्होंने वर्ष 1968 में अपनी फिल्म मन का मीत में उन्हें एक विलेन के तौर पर काम करने का प्रस्ताव दिया। विनोद खन्ना ने तुरंत स्वीकार कर लिया । सौभाग्यवती उनकी पहली ही फिल्म हिट हो गई और फिल्म के हिट होने के तुरंत बाद ही उनको 15 फिल्मों करने का ऑफर आ गया। वर्ष 1971 में शिव कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म हम तुम और वो में उन्होंने पहली बार बतौर मुख्य अभिनेता काम किया।
वर्ष 1977 में मनमोहन देसाई द्वारा निर्देशित और निर्मित मसाला फिल्म अमर अकबर एंथनी में उनके अभिनय को खूब पसंद किया जाए। जिसके बाद उन्होंने एक के बाद एक सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया जैसे कि मुकद्दर का सिकंदर वर्ष 1978, मैं तुलसी तेरे आंगन की वर्ष 1978, द बर्निंग ट्रेन वर्ष 1980, कुर्बानी वर्ष 1980, दयावान वर्ष 1988, चांदनी वर्ष 1989, फरिश्ते वर्ष 1991, दीवानापन वर्ष 2001, हल्ला बोल वर्ष 2008, दबंग वर्ष 2010, दबंग 2 वर्ष 2012, दिलवाले वर्ष 2015। द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर वर्ष 2019 और गंस आफ बनारस वर्ष 2020 विनोद खन्ना यह दो फ़िल्में विनोद खन्ना की मृत्यु के पश्चात रिलीज़ हुई|
विनोद खन्ना ने वर्ष 1997 में भारतीय जनता पार्टी के साथ जोड़कर पंजाब के गुरदासपुर कोंस्टीटूएंसी से चुनाव लड़ा और विजयी हुए। वर्ष 1999 में उन्होंने फिर से गुरदासपुर से ही लोकसभा चुनाव लड़ा और इस बार भी वह विजयी रहे। वर्ष 2002 में उन्हें सांस्कृतिक और पर्यटन मंत्री का पदभार दे दिया गया। इसके पश्चात उनके मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स का पद भी दिया गया। वर्ष 2004 में वह फिर से गुरदासपुर की सीट से विजयी रहे परंतु वर्ष 2009 आम चुनाव में वह अपने सेट को खो बैठे। वर्ष 2014 के 16वीं लोकसभा चुनाव में उन्होंने गुरदासपुर से फिर से चुनाव लड़ा और इस बार भगा फिर से विजयी हुए। विनोद खन्ना के अलावा कोई भी बॉलीवुड स्टार चार बार लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाया है।
विनोद खन्ना के शरीर में पानी की बहुत ज्यादा गर्मी होने लगी थी और जब उनकी यह परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ गई है उन्हें सर एचएन रिलायंस फाऊंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर मुंबई में 2 अप्रैल 2017 को भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों ने उनका चेकअप करने के पश्चात यह बताया कि वह ब्लड कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे थे। इसी बीमारी के कारण उनका हॉस्पिटल में 27 अप्रैल 2017 को सुबह 11:20 पर 70 वर्ष की आयु में देहांत हो गया। विनोद खन्ना के पार्थिव शरीर का वर्ली के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया।
वर्ष 1975 सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता फिल्म फेयर अवार्ड फिल्म हाथ की सफाई
वर्ष 1999 लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड फिल्म फेयर अवार्ड
वर्ष 2005 रोल मॉडल ऑफ द ईयर स्टारडस्ट अवॉर्ड
वर्ष 2007 ज़ी सिने अवॉर्ड्स फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट
वर्ष 2017 दादा साहब फाल्के अवार्ड ( मरणोपरांत)
प्रकाश मेहरा, मनमोहन देसाई, फिरोज खान और राज खोसला
दिलीप कुमार और मार्लन ब्रांडो
मुग़ल-ए-आज़म
काला
अमृता सिंह
The casino floor was alive with action - bright lights flashing, chips clattering, dice tumbling…
For serious card players, a firm grasp of mathematics is essential. While luck certainly plays…
For doctoral students, the dissertation is the culminating scholarly work that demonstrates one's ability to…
Over the years, unit-linked insurance plans (ULIPs) have emerged as a popular investment-cum-insurance option in…
In the ever-evolving digital age, the significance of effective marketing campaigns cannot be overstated. As…
VanceAI is a game-changer in the dynamic field of image editing and enhancement. This review…