मधुबाला का जन्म दिल्ली ब्रिटिश इंडिया के समय 14 फरवरी 1933 को एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। मधुबाला अपने जीवन में भी इस्लामिक क्रियाओं का पालन करती थी। मधुबाला ने वर्ष 1942 में अमिया चक्रवर्ती द्वारा निर्देशित बसंत फिल्म से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। जिसमें उन्होंने एक बाल कलाकार का किरदार निभाया था। वर्ष 1947 में दिल की रानी फिल्म से उन्होंने बतौर मुख्य अभिनेत्री हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया। अपने हिंदी सिनेमा के करियर में उन्होंने लगभग 74 फिल्मों में काम किया। वर्ष 1960 में के आसिफ द्वारा निर्देशित मुग़ल-ए-आज़म फिल्म में उन्होंने अनारकली का जो किरदार निभाया उसके लिए वह हिंद फिल्म जगत में ही नहीं बल्कि उनके चाहने वालों के दिलों में भी अमर हो गई। मधुबाला की सुंदरता के कारण ही उनको वीनस की रानी भी कहा जाता है। मधुबाला का 23 फरवरी 1969 को सुबह के 9:30 बजे हृदयाघात के कारण देहांत हो गया।
मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 को दिल्ली ब्रिटिश इंडिया में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम अत्ताउल्लाह खान और माता का नाम आयशा बेगम था। मधुबाला अपने माता-पिता की 11 वीं संतान थे। इनके भाई बहनों में से चार का शिशु अवस्था में ही देहांत हो गया था। इनके पिता अत्ताउल्लाह खान पेशावर घाटी में रहने वाले पश्तों समुदाय से संबंध रखते थे। मधुबाला को जन्म से ही वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट की बीमारी थी। मधुबाला के बचपन का अधिकतर समय दिल्ली में ही गुजरा। मधुबाला की केवल एक ही बहन जाहिदा ने ही शिक्षा ग्रहण की थी बाकी किसी ने भी स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं की थी।
मधुबाला ने ऑल इंडिया रेडियो में खुर्शीद अनवर की कंपोजिशन को गाने के लिए काम भी किया। वहां पर मधुबाला ने 7 वर्षों तक काम किया। जब उनकी मुलाकात बॉम्बे टॉकीज के जनरल मैनेजर रायबहादुर चुन्नीलाल से हुई तो उन्होंने मधुबाला को बॉम्बे आने और फिल्मों में काम करने का परामर्श दिया। वर्ष 1941 में मधुबाला और उनका पूरा परिवार मलाड बॉम्बे में आकर बस गया था। वर्ष 1942 में जब उन्होंने मुंबई टॉकीज की प्रोडक्शन में बनी फिल्म बसंत में एक बाल कलाकार का किरदार निभाया तो उसके लिए मधुबाला को ₹150 की सैलरी दी गई थी। यह फिल्म उस समय की सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी। इस फिल्म के पश्चात उन्होंने कई फिल्मों में बाल कलाकार का ही किरदार निभाया।
वास्तविक नाम | बेगम मुमताज जहां देहलवी |
उपनाम | वीनस की रानी |
लोकप्रिय नाम | मधुबाला |
मधुबाला का जन्मदिन | 14 फरवरी 1936 |
मधुबाला की आयु | 36 वर्ष ( मृत्यु के समय) |
मधुबाला का जन्म स्थान | दिल्ली ब्रिटिश इंडिया |
मधुबाला की मृत्यु | 23 फरवरी 1969 |
मधुबाला का मृत्यु स्थान | बॉम्बे महाराष्ट्र भारत |
मधुबाला की मृत्यु का कारण | हृदयाघात और वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट |
मधुबाला का मूल निवास स्थान | दिल्ली भारत |
मधुबाला की राष्ट्रीयता | भारतीय |
मधुबाला का धर्म | इस्लाम |
मधुबाला की शैक्षणिक योग्यता | लागू नहीं |
मधुबाला का व्यवसाय | अभिनेत्री |
मधुबाला की वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
मधुबाला की वैवाहिक तिथि | 16 अक्टूबर वर्ष 1960 |
मधुबाला की लंबाई | 5 फुट 4 इंच |
मधुबाला का वजन | 55 किलोग्राम |
मधुबाला का फिगर व शारीरिक माप | अप्पर 34 इंच, कमर 28 इंच , लोअर 34 इंच |
मधुबाला की आंखों का रंग | काला |
मधुबाला के बालों का रंग | काला |
मधुबाला के पिता का नाम | अत्ताउल्लाह खान |
मधुबाला की माता का नाम | आयशा बेगम ( मुमताज जहां) |
मधुबाला के भाइयों का नाम | दो भाई – नाम ज्ञात नहीं |
मधुबाला की बहनों का नाम | चंचल ( अभिनेत्री), जाहिदा उर्फ मधुर भूषण ( पाश्र्व गायिका) , केन्ज़ बलसारा, अल्ताफ कोवाल, शाहिदा कादरी |
मधुबाला के पति का नाम | किशोर कुमार |
वर्ष 1947 में केदार शर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म नील कमल से मधुबाला ने बतौर मुख्य अभिनेत्री हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। इस फिल्म में उनके सह कलाकार राज कपूर और बेगम पारा थी। इस फिल्म में इन्होंने मुमताज का किरदार निभाया था।मधुबाला की सबसे पहली कमर्शियल सफल फिल्म वर्ष 1948 में के बी लाल द्वारा निर्देशित लाल दुपट्टा थी। इस फिल्म में उनके सह कलाकार राजन हसकर और डीके सप्रू थे। वर्ष 1950 में इन्होंने पहलाद दत्त द्वारा निर्देशित रोमांटिक ड्रामा फिल्म मधुबाला में टाइटल रोल ही निभाया था।
वर्ष 1955 में गुरुदत्त द्वारा निर्देशित और निर्मित कॉमेडी रोमांटिक फिल्म मिस्टर एंड मिसेस 55 में भी उनके अभिनय को खूब पसंद किया गया। वर्ष 1958 में सत्येन बोस द्वारा निर्देशित म्यूजिकल रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा फिल्म चलती का नाम गाड़ी में इन्होंने रेनू का किरदार निभाया था। यह उनके कैरियर की सबसे सफल फिल्मों में से एक है। वर्ष 1960 में इन्होंने के आसिफ द्वारा निर्देशित एपिक हिस्टॉरिकल ड्रामा फिल्म मुग़ल-ए-आज़म में अनारकली ( नादिरा) की मुख्य भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के लिए इनको सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री फिल्म फेयर अवार्ड के लिए नामांकित भी किया गया था। इस फिल्म में उन्होंने इतना अच्छा अभिनय किया कि जब भी इस फिल्म को देखा जाता है वह जीवंत हो उठती हैं। मधुबाला की अंतिम फिल्म वर्ष 1971 में एम वी रमन द्वारा निर्देशित ज्वाला थी जिसमें इन्होंने टाइटल रोल निभाया था।
मधुबाला के पिता इस्लामिक रीति-रिवाजों का बहुत कट्टरता से पालन करते थे। जिसका मधुबाला के जीवन पर भी प्रभाव था वह भी अपने बचपन तक इस्लामिक रीति-रिवाजों का बहुत गहनता से पालन करती थी। इनके पिता की नौकरी चले जाने के बाद मधुबाला ने ही अपने परिवार को संभाला। फिल्मों में आने के पश्चात अभिनेत्री देव की रानी ने इनका नाम मधुबाला रखा और तब से इसी नाम से वह लोकप्रिय हो गई। 1940 के दशक के अंतिम वर्षों में उन्होंने बॉम्बे में एक बंगला खरीदा और उसका नाम अरेबियन विला रखा।अभिनेत्री सुशीला रानी पटेल से उन्होंने वर्ष 1950 में अंग्रेजी बोलना सीखा था।
वर्ष 1951 में दिलीप कुमार और मधुबाला एक दूसरे के करीब आने लगे थे और वह इससे पहले ही वर्ष 1944 में ज्वार भाटा फिल्म में साथ काम कर चुकी थे। मधुबाला और दिलीप कुमार के प्रेम प्रसंग की चर्चा मीडिया में आग की तरह फैल गई थी परंतु इसका उनके जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता था। वर्ष 1957 में कुछ निजी कारणों के कारण दोनों का प्रेम प्रसंग अधूरा ही रह गया। वर्ष 1958 में जब मधुबाला ने चलती का नाम गाड़ी फिल्म में किशोर कुमार के साथ काम किया तो दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई और 16 अक्टूबर 1960 को दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली।
मधुबाला को जन्म से ही वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट की बीमारी थी। वर्ष 1969 में वह अधिक बीमार रहने लगी थी जिसके कारण उनकी सेहत लगातार गिरती जा रही थी और उन्हें पीलिया भी हो गया था। 22 फरवरी 1969 को उन्हें रात के समय घातक हृदयाघात हुआ कुछ घंटों तक वह अपने जीवन से लड़ती रही और 36 वर्ष की आयु में सुबह 9:30 बजे 23 फरवरी 1969 को उनका घर पर ही देहांत हो गया। मधुबाला को उनकी मृत्यु के पश्चात जुहू में इस्लामिक कब्रिस्तान सैंटाक्रूज में मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार दफनाया गया।
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