फ़िरोज़ खान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक बहुत बड़ा नाम है। उन्होंने वर्ष 1959 में दीदी कैसी है हिंदी सिनेमा में बतौर मुख्य अभिनेता और वर्ष 1972 में अपराध फिल्म से बताओ निर्देशक और निर्माता पदार्पण किया था। वह अपने फिल्मी करियर में लगभग 75 फिल्मों में काम कर चुके हैं। उनकी अंतिम फिल्म वर्ष 2007 में अनीस बजमी द्वारा निर्देशित वेलकम फिल्म थी। इस फिल्म में उन्होंने आर डी एक्स का किरदार निभाया था। फ़िरोज़ खान ने हिंदी सिनेमा को कई सुपरहिट और दूसरी है जैसे कि औरत वर्ष 1967, सफर वर्ष 1970, मेला वर्ष 1971, उपासना वर्ष 1971, खोटे सिक्के वर्ष 1974, धर्मात्मा वर्ष 1975, कुर्बानी वर्ष 1980 आदि। अपनी मृत्यु के अंतिम वर्षों में फ़िरोज़ खान लंग कैंसर के बीमारी से पीड़ित थे। जिसके कारण उनका 27 अप्रैल 2009 को 69 वर्ष की आयु में अपने बेंगलुरु के फार्म हाउस पर देहांत हो गया।
फ़िरोज़ खान का जन्म 25 सितंबर 1939 को ब्रिटिश इंडिया के समय बेंगलुरु में हुआ था। इनके पिता का नाम सादिक अली खान तनोली था, वह मूल रूप से अफगानिस्तान के गज़नी से और उनकी माता फातिमा मूल रूप से ईरान से संबंध रखते थी। इनका वास्तविक नाम जुल्फिकार अली शाह कान है।इनके चार भाई है जिनका नाम – शाह अब्बास खान ( संजय खान) शाहरुख शाह अली खान, समीर खान और अकबर खान| इनकी दो बहने हैं जिनका नाम – ख़ुर्शीद शहनवार और दिलशाद बेगम शेख ( दिलशाद बीवी) हैं|
फ़िरोज़ खान की प्रारंभिक शिक्षा बिशॉप कॉटन बॉयज स्कूल बेंगलुरु और बाद में सैंट जर्मैन हाई स्कूल बेंगलुरु से हुई। स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात बताओ बेंगलुरु से बॉम्बे स्थानांतरित हो गए। जहां उन्होंने वर्ष 1960 में दे दे सनम से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया ।
वास्तविक नाम | जुल्फिकार अली शाह खान |
उपनाम | फ़िरोज़ खान, काओ बॉय ऑफ़ इंडियन सिनेमा |
फ़िरोज़ खान का जन्मदिन | 25 सितंबर 1939 |
फ़िरोज़ खान की आयु | 69 वर्ष ( मृत्यु के समय) |
फ़िरोज़ खान का जन्म स्थान | बेंगलुरु कर्नाटक भारत |
फ़िरोज़ खान का मूल निवास स्थान | बेंगलुरु कर्नाटक भारत |
फ़िरोज़ खान की मृत्यु तिथि | 27 अप्रैल 2009 |
फ़िरोज़ खान की मृत्यु का कारण | लंग कैंसर |
फ़िरोज़ खान के मृत्यु का स्थान | बेंगलुरु कर्नाटक भारत |
फ़िरोज़ खान की राष्ट्रीयता | भारतीय |
फ़िरोज़ खान का धर्म | इस्लाम |
फ़िरोज़ खान की जाति | शिया मुस्लिम |
फ़िरोज़ खान की शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
फ़िरोज़ खान के स्कूल का नाम | बिशॉप कॉटन बॉयज स्कूल, बेंगलुरु कर्नाटक सैंट जर्मन हाई स्कूल बेंगलुरू कर्नाटक |
फ़िरोज़ खान का व्यवसाय | अभिनेता, फिल्म निर्माता और निर्देशक |
फ़िरोज़ खान की कुल संपत्ति | 40 करोड़ रुपए के लगभग |
फ़िरोज़ खान की वैवाहिक स्थिति | तलाकशुदा (डिवोर्सी) |
फ़िरोज़ खान की लंबाई | 6 फीट |
फ़िरोज़ खान का वजन | 75 किलोग्राम |
फ़िरोज़ खान का शारीरिक माप | छाती 40 इंच, कमर 34 इंच, बाइसेप्स 13 इंच |
फ़िरोज़ खान की आंखों का रंग | गहरा भूरा |
फ़िरोज़ खान के बालों का रंग | गंजापन |
फ़िरोज़ खान के पिता का नाम | सादिक़ अली खान तनौली |
फ़िरोज़ खान की माता का नाम | फातिमा |
फ़िरोज़ खान के भाइयों का नाम | शाह अब्बास खान ( संजय खान), शाहरुख शाह अली खान, समीर खान और अकबर खान| |
फ़िरोज़ खान की बहन का नाम | ख़ुर्शीद शहनवार और दिलशाद बेगम शेख ( दिलशाद बीवी) |
फ़िरोज़ खान की पत्नी का नाम | सुंदरी खान (तलाक़) |
फ़िरोज़ खान के बेटे का नाम | फरदीन खान (अभिनेता) |
फ़िरोज़ खान की बेटी का नाम | लैला खान (पेंटर और आर्टिस्ट) |
फ़िरोज़ खान बचपन से ही बहुत शरारती थे परंतु उन्हें अभिनय करने का बहुत शौक था। जब उन्होंने अशोक कुमार की वर्ष 1943 में आई फिल्म किस्मत देखी तो उससे वह बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में ही अपना करियर बनाने के बारे में सोचना शुरु कर दिया। फ़िरोज़ खान वर्ष 1959 में दीदी से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। इस फिल्म में उन्होंने मधु का किरदार निभाया था। वर्ष 1960 में वी एम व्यास द्वारा निर्देशित घर की लाज फिल्म में सुरेश की भूमिका निभाई। वर्ष 1960 से 1970 के दशक में वह लो बजट फिल्मों में सहायक अभिनेता के तौर पर काम करते हैं। वर्ष 1962 में इन्होंने सिमी ग्रेवाल के विपरीत टार्जन गोज़ टू इंडिया अंग्रेजी फिल्मी मुख्य भूमिका निभाई थी।
फ़िरोज़ खान की सबसे पहली हिट फिल्म फानी मजूमदार द्वारा निर्देशित ऊंचे लोग थी। इस फिल्म में बतौर मुख्य अभिनेता अशोक कुमार और राजकुमार थे। वर्ष 1965 में जब उन्होंने रामानंद सागर द्वारा निर्देशित फिल्म आरजू में साधना के साथ काम किया तो उससे उनका नाम और चर्चा में आ गया। वर्ष 1969 में उन्हें आदमी और इंसान के लिए उनके जीवन का पहला सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
वर्ष 1970 से 1990 के दशक में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई जैसे कि अपराध वर्ष 1972, खोटे सिक्के वर्ष 1974, इंटरनेशनल क्रूक वर्ष 1974,धर्मात्मा वर्ष 1975, शंकर शम्भू वर्ष 1976, कुर्बानी वर्ष 1980, कुर्बानी वर्ष 1980, जांबाज़ वर्ष 1986, यलगार वर्ष 1992 आदि| फ़िरोज़ खान चाहते थे कि वह कुर्बानी फिल्म का सीक्वल बनाएं और उस में बतौर मुख्य अभिनेता सैफ अली खान और फरदीन खान को लिया जाए। अमजद खान की भूमिका निभाने के लिए उनका खुद के विषय में ख्याल था। फ़िरोज़ खान और विनोद खन्ना की जोड़ी को दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया जाता था।
फ़िरोज़ खान अपनी मृत्यु से पहले लंग कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल मुंबई में उनका इलाज भी चल रहा था परंतु उनकी इच्छा थी कि उन्हें बेंगलुरु में स्थित उनके फार्म हाउस पर ही ले जाया जाए। उनकी इच्छा अनुसार बेंगलुरु के फॉर्म हाउस पर ले जाया गया और वहीं 27 अप्रैल 2009 69 वर्ष की आयु में रात के 1:00 बजे उनका देहांत हो गया। उन्हें बेंगलुरु के ही हजूर रोड शिया कब्रिस्तान में उनकी माता की कब्र के पास दफनाया गया।
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन अवार्ड फिल्म आदमी और इंसान
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता फिल्म फेयर अवॉर्ड्स फिल्म आदमी और इंसान
वर्ष 2001 लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड फिल्म फेयर अवार्ड
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नेगेटिव रोल इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवार्ड फिल्म जांनशीन
वर्ष 2009 प्राइड ऑफ इंडस्ट्री स्टारडस्ट अवॉर्ड प्राइस ऑफ इंडस्ट्री
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