किशोर कुमार के बारे में जितनी भी बात की जाए वह कम है। वह एक पाशर्व गायक, अभिनेता, संगीत निर्माता, गीतकार, पटकथा लेखक, फिल्म निर्माता और निर्देशक रह चुके हैं। वह जितने अपनी फिल्मों के विषय में लोकप्रिय है उससे कहीं जाता अपने सरल, चंचल और मिलनसार व्यवहार के लिए वह जाने जाते हैं। उन्होंने वर्ष 1940 में शिकारी फिल्म से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। इस फिल्म के मुख्य अभिनेता तो उनके बड़े भाई अशोक कुमार थे। बतौर गायक वर्ष 1948 में उन्होंने ज़िद्दी फिल्म में मरने की दुआएं क्यों मांगू से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। वर्ष 1970 से 1980 के पूरे दशक में वह सबसे लोकप्रिय गायकों में से एक रहे। उनके गायकी के करियर का अधिकतर सफर राजेश खन्ना के साथ रहा। वर्ष 1975 से 1977 के दौरान भारत इमरजेंसी के दौरान संजय गांधी ने उनसे कांग्रेस पार्टी के लिए रैली में गाने के लिए कहा परंतु उन्होंने इसके लिए इंकार कर दिया। वह अपने करियर के साथ-साथ अपने निजी जीवन के बारे में भी चर्चा में रहते थे। किशोर कुमार ने कुल 4 शादियां की थी जिनमें से लीना चंदावरकर उनकी अंतिम चौथी पत्नी थी। मधुबाला के साथ उनकी जोड़ी को सबसे अधिक पसंद किया जाता था। 13 अक्टूबर 1987 को घातक हृदयाघात के कारण 58 वर्ष की आयु में उनका देहांत हो गया।
किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को खंडवा, सेंट्रल प्रोविंस ( मध्य प्रदेश) ब्रिटिश इंडिया के समय हुआ था। यह एक बंगाली ब्राह्मण गांगुली परिवार से संबंध रखते हैं। इनका बचपन का वास्तविक नाम आभास कुमार गांगुली है। इनके पिता कुंजलाल गांगुली ( गंगोपाध्याय) एक वकील थे जबकि इनकी माता गौरी देवी एक अमीर बंगाली परिवार से संबंध रखती थी और वह गृहणी थी। किशोर कुमार चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। इन के सबसे बड़े भाई हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार और दूसरे भाई अनूप ( कल्याण कुमार गांगुली) है। इनकी एक बहन भी है जिनका नाम सती देवी है।
किशोर कुमार की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा तथा स्कूल के विषय में जानकारी नहीं मिलती है। बचपन में ही उन्होंने अपने बड़े भाई अशोक कुमार के साथ हिंदी सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया था और बाद में उनके दूसरे भाई अनूप ने भी अशोक कुमार की हिंदी सिनेमा में सहायता की। किशोर कुमार के शिक्षा के विषय में केवल इतना ही ज्ञात है कि उन्होंने क्रिश्चियन कॉलेज इंदौर से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है।
वास्तविक नाम | आभास कुमार गांगुली |
उपनाम | किशोर दा |
लोकप्रिय नाम | किशोर कुमार |
किशोर कुमार का जन्मदिन | 4 अगस्त 1929 |
किशोर कुमार की आयु | 58 वर्ष ( मृत्यु के समय) |
किशोर कुमार का जन्म स्थान | खंडवा, सेंट्रल प्रोविंस ( वर्तमान मध्य प्रदेश) ब्रिटिश इंडिया |
किशोर कुमार की मृत्यु तिथि | 13 अक्टूबर 1987 |
किशोर कुमार का मृत्यु स्थान | बॉम्बे , महाराष्ट्र भारत |
किशोर कुमार की मृत्यु का | हृदयाघात ( आर्ट अटैक) |
किशोर कुमार का पता | गौरी कुंज, किशोर कुमार गांगुली मार्ग, जूहू मुंबई |
किशोर कुमार की राष्ट्रीयता | भारतीय |
किशोर कुमार का धर्म | हिंदू |
किशोर कुमार की जाति | बंगाली कन्यकुब्ज ब्राह्मण |
किशोर कुमार की शैक्षणिक योग्यता | स्नातक |
किशोर कुमार के स्कूल का नाम | ज्ञात नहीं |
किशोर कुमार के कॉलेज का नाम | क्रिश्चियन कॉलेज इंदौर |
किशोर कुमार का व्यवसाय | पाशर्व गायक, अभिनेता, म्यूजिक कंपोजर, गीतकार, पटकथा लेखक, फिल्म निर्देशक और निर्माता |
किशोर कुमार की कुल संपत्ति | 20 करोड रुपए के लगभग |
किशोर कुमार के वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
किशोर कुमार की लंबाई | 5 फुट 8 इंच |
किशोर कुमार का वजन | 75 किलोग्राम |
किशोर कुमार का शारीरिक माप | छाती 40 इंच, कमर 34 इंच, बाइसेप्स 13 इंच |
किशोर कुमार की आंखों का रंग | काला |
किशोर कुमार के बालों का रंग | काला |
किशोर कुमार के पिता का नाम | कुंजलाल गांगुली ( गंगोपाध्याय) |
किशोर कुमार की माता का नाम | गौरी देवी |
किशोर कुमार के भाइयों का नाम | अशोक कुमार और अनूप कुमार |
किशोर कुमार के बहन का नाम | सती देवी |
किशोर कुमार की पत्नी का नाम | रूमा गुहा ठाकुर्ता ( पहली पत्नी – वर्ष 1950 से 1958 तक) मधुबाला ( दूसरी पत्नी – वर्ष 1960 से 1969 तक) योगिता बाली ( तीसरी पत्नी – वर्ष 1975 से 1978 तक) लीना चंदावरकर ( चौथी पत्नी – वर्ष 1980 से 1987 तक) |
किशोर कुमार के बेटों का नाम | अमित कुमार ( पहली पत्नी रूमा गुहा ठाकुर्ता से) सुमित कुमार ( चौथी पत्नी लीना चंदावरकर से) |
किशोर कुमार ने वर्ष 1946 में सबक बी. वचा द्वारा निर्देशित फिल्म शिकारी से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था परंतु इस फिल्म में मुख्य अभिनेता अशोक कुमार थे। वर्ष 1947 में आई शहनाई फिल्म में उन्होंने एक पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार निभाया था। वर्ष 1956 में एम वी रमन द्वारा निर्देशित फिल्म भाई भाई में उनके अभिनय को खूब पसंद किया गया। इस फिल्म में भी इनके बड़े भाई का किरदार अशोक कुमार ने ही निभाया था।
किशोर कुमार को अभिनय के क्षेत्र में सबसे अधिक लोकप्रियता पहली बार वर्ष 1958 में सत्येन बोस द्वारा निर्देशित म्यूजिकल कॉमेडी ड्रामा फिल्म चलती का नाम गाड़ी से प्राप्त हुई थी। इस फिल्म में किशोर कुमार ने मनमोहन उर्फ मनु शर्मा का किरदार निभाया था। इस फिल्म में भी उनके सह कलाकार अशोक कुमार और अनूप कुमार थे। इस फिल्म की मुख्य अभिनेत्री मधुबाला थी। इस फिल्म की सफलता के पश्चात उन्होंने एक के बाद एक कई सुपरहिट फिल्मों जैसे कि शरारत वर्ष 1959, झुमरू वर्ष 1961, हाफ टिकट वर्ष 1962, हम सब उस्ताद हैं वर्ष 1965, पड़ोसन वर्ष 1968, साधु और शैतान वर्ष 1968, बॉम्बे टू गोवा वर्ष 1972, बढ़ती का नाम दाढ़ी वर्ष 1974 आदि में काम किया। किशोर कुमार ने लगभग 88 फिल्मों में अभिनय किया है।
किशोर कुमार एक उम्दा अभिनेता ही नहीं बल्कि भारत के पाश्र्व गायकों में से एक हैं। यह उनके होना और उनकी आवाज का जादू ही है कि आज भी उनके गाए हुए गीतों को सभी उम्र के लोग बड़े प्यार से सुनते हैं। उन्होंने शास्त्रीय संगीत नहीं सीखा था फिर भी उनकी संगीत पर पकड़ बहुत अच्छी थी। किशोर कुमार ने 1198 फिल्मों में लगभग 2678 गीत गाए हैं। जिनमें से उन्होंने केवल राजेश खन्ना के लिए 92 फिल्मों में 245 गीत गाए हैं।
किशोर कुमार ने केवल हिंदी सिनेमा के गीत ही नहीं बल्कि भजन, कव्वालियां और गजलें भी गाए हैं जैसे कि भजन – आओ कन्हाई मेरे धाम, देवी माता रानी, जय भोलेनाथ जय हो प्रभु आदि। कव्वाली – वादा तेरा वादा, हम तो झुक कर सलाम करते हैं, महफिल में पैमाना जो लगा झूमने, हाल क्या है दिलों का आदि। गजल – पिछली याद भुला दो, यूं नींद से वह जाने चमन, तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे आदि।
वर्ष 1987 में वह गायकी से रिटायरमेंट लेने के लिए सोच रहे थे क्योंकि वह म्यूजिक कंपोजर्स द्वारा बनाए गए संगीत से बहुत नाखुश थे। किशोर कुमार अपने जन्म स्थान खंडवा में जाने का विचार बना चुके थे। किशोर कुमार ने अपने जीवन का अंतिम गीत आशा भोसले के साथ फिल्म वक्त की आवाज के लिए गुरु गुरु गाया था। 13 अक्टूबर 1987 को घातक हृदयाघात के कारण उनका शाम के समय 4:45 बॉम्बे में अपने घर में ही देहांत हो गया। अंतिम संस्कार के लिए उनको उनके जन्म स्थान खंडवा में ले जाया गया था।
वर्ष 1970 सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक गीत रूप तेरा मस्ताना
वर्ष 1976 सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक गीत दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा
वर्ष 1979 सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक गीत खईके पान बनारस वाला
वर्ष 1981 सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक गीत हजार राहें मुड़ के देखी
वर्ष 1983 सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक गीत पग घुंघरू बांध
वर्ष 1984 सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक गीत अगर तुम ना होते
वर्ष 1985 सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक गीत मंजिले अपनी जगह है
वर्ष 1986 सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक गीत सागर किनारे
The casino floor was alive with action - bright lights flashing, chips clattering, dice tumbling…
For serious card players, a firm grasp of mathematics is essential. While luck certainly plays…
For doctoral students, the dissertation is the culminating scholarly work that demonstrates one's ability to…
Over the years, unit-linked insurance plans (ULIPs) have emerged as a popular investment-cum-insurance option in…
In the ever-evolving digital age, the significance of effective marketing campaigns cannot be overstated. As…
VanceAI is a game-changer in the dynamic field of image editing and enhancement. This review…