लक्ष्मीकांत बेर्डे अभिनय के क्षेत्र में ऐसे योद्धा है जिन्होंने बहुत कम समय में बहुत अधिक नाम कमाया है। उन्होंने मराठी फिल्मों से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था और अपने अभिनय के दम पर उन्होंने बॉलीवुड में बतौर कॉमेडियन और सहायक कलाकार एक मुख्य पहचान बनाई। वह अभिनय के जबरदस्त टाइमिंग के लिए जाने जाते हैं। उनको सबसे पहले लोकप्रियता मराठी नाटक तुर तुर वर्ष 1983 से ही प्राप्त हो गई थी और हिंदी सिनेमा में भी उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म मैने प्यार किया वर्ष 1989 से दर्शकों का दिल जीत लिया था। अशोक सराफ के साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया जाता था। 16 दिसंबर 2004 को किडनी फेलियर के कारण मुंबई में इनका देहांत हो गया और फिल्म इंडस्ट्री के कई दिग्गज कलाकारों ने उन की शव यात्रा में शिरकत की।
लक्ष्मीकांत बेर्डे का जन्म 26 अक्टूबर 1954 को बॉम्बे महाराष्ट्र में हुआ था। इनके माता-पिता के बारे में कोई जानकारी तो नहीं मिलती है परंतु इतना अवश्य ज्ञात है कि यह भाई-बहनों में सबसे छोटे थे और इनसे चार बड़े भाई बहन थे। यह निम्न वर्गीय परिवार से संबंध रखते थे। आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण इन्होंने बचपन में घर के खर्चे को चलाने के लिए लॉटरी के टिकट बेचने का भी काम किया।
बचपन से ही लक्ष्मीकांत बेर्डे को अभिनय के क्षेत्र में रुझान था। वह गिरगांव दक्षिण मुंबई में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम और गणेश चतुर्थी के समय भी मंच पर अभिनय किया करते थे। वह अपनी शिक्षा के दिनों में इंटर स्कूल कंपटीशन तथा इंटर कॉलेज ड्रामा कंपटीशन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया करते थे। लक्ष्मीकांत बेर्डे की शैक्षणिक योग्यता, उनके स्कूल तथा कॉलेज के विषय में जानकारी नहीं मिलती है।
वास्तविक नाम | लक्ष्मीकांत बेर्डे |
लक्ष्मीकांत बेर्डे का जन्म | 26 अक्टूबर 1954 |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की आयु | 50 वर्ष ( मृत्यु के समय) |
लक्ष्मीकांत बेर्डे का जन्म स्थान | बॉम्बे महाराष्ट्र |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की मृत्यु तिथि | 16 दिसंबर 2004 |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की मृत्यु का कारण | किडनी फेलियर |
लक्ष्मीकांत बेर्डे का मृत्यु स्थान | मुंबई महाराष्ट्र भारत |
लक्ष्मीकांत बेर्डे का पता | 105, निराकार बी विंग,1 मंजिल कल्याण कंपलेक्स, यारी रोड वर्सोवा अंधेरी वेस्ट मुंबई |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की राष्ट्रीयता | भारतीय |
लक्ष्मीकांत बेर्डे का धर्म | हिंदू |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की मराठी डेब्यू फिल्म | लेक चलाली सासारला (वर्ष 1984) |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की हिंदी डेब्यु फिल्म | मैने प्यार किया ( वर्ष 1989) |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
लक्ष्मीकांत बेर्डे के स्कूल का नाम | ज्ञात नहीं |
लक्ष्मीकांत बेर्डे के कॉलेज का नाम | ज्ञात नहीं |
लक्ष्मीकांत बेर्डे का व्यवसाय | अभिनेता |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की कुल संपत्ति | 7 करोड रुपए के लगभग |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की लंबाई | 5 फुट 6 इंच |
लक्ष्मीकांत बेर्डे का वजन | 65 किलोग्राम |
लक्ष्मीकांत बेर्डे का शारीरिक माप | छाती 38 इंच, कमर 34 इंच, बाइसेप्स 13 इंच |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की आंखों का रंग | काला |
लक्ष्मीकांत बेर्डे के बालों का रंग | काला |
लक्ष्मीकांत बेर्डे के पिता का नाम | ज्ञात नहीं |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की माता का नाम | ज्ञात नहीं |
लक्ष्मीकांत बेर्डे के भाई बहन का नाम | 1 भाई का नाम पुरुषोत्तम बेर्डे (अन्य भाई बहनों का नाम ज्ञात नहीं है) |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की पहली पत्नी का नाम | रुही बेर्डे ( विवाह 1985 – मृत्यु 1987) |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की दूसरी पत्नी का नाम | प्रिया अरुण ( वर्ष 1998) |
लक्ष्मीकांत बेर्डे के बेटे का नाम | अभिनय बेर्डे ( दूसरी पत्नी से) |
लक्ष्मीकांत बेर्डे की बेटी का नाम | तेजस्विनी बेर्डे (दूसरी पत्नी से) |
लक्ष्मीकांत बेर्डे मराठी साहित्य संघ में एक कर्मचारी रह चुके हैं। उन्होंने मराठी नाटकों से अभिनय के क्षेत्र में पदार्पण किया था। वर्ष 1983 में उन्होंने मराठी नाटक तुर तुर में मुख्य भूमिका निभाई थी जिसमें उनके कॉमेडी के स्टाइल को खूब पसंद किया गया। उन्होंने लेक चलाली सासारला (वर्ष 1984) से मराठी फिल्मों में पदार्पण किया था। इसके पश्चात उनके अभिनय को वर्ष 1987 में महेश कोठारे द्वारा निर्देशित फिल्म दे दना दन में भी खूब पसंद किया गया। इस फिल्म में इन्होंने कॉन्स्टेबल लक्ष्मण टांगमोड़े का किरदार निभाया था।उन्होंने वर्ष 1974 से वर्ष 2004 तक 100 से अधिक मराठी फिल्मों और लगभग 14 मराठी नाटकों में अभिनय किया।
लक्ष्मीकांत बेर्डे ने वर्ष 1989 में सूरज बड़जातिया द्वारा निर्देशित म्यूजिकल रोमांटिक ड्रामा फिल्म मैंने प्यार किया से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। इस फिल्म में इन्होंने मनोहर सिंह की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कुल 28 करोड रुपए की कमाई की थी जबकि इसका बजट 2 करोड रुपए था। अपनी पहली ही फिल्म से लक्ष्मीकांत बेर्डे हिंदी सिनेमा में लोकप्रिय हो गए थे। इनकी दूसरी सुपरहिट फिल्म वर्ष 1991 में लॉरेंस डिसूजा द्वारा निर्देशित साजन थी। इस फिल्म में इन्होंने लक्ष्मी नंदन का किरदार निभाया था और इस फिल्म में इनके सह कलाकार संजय दत्त, माधुरी दीक्षित, सलमान खान, कादर खान आदि थे। हिंदी सिनेमा में भी इनकी लोकप्रियता इतनी थी कि वर्ष 1989 से वर्ष 2004 तक मात्र 15 सालों में 77 हिंदी फिल्मों में काम किया।
हिंदी सिनेमा में उन को सबसे अधिक उपलब्धि मैंने प्यार किया वर्ष 1989, साजन वर्ष 1991, बेटा वर्ष 1992, फूल और अंगार वर्ष 1993, अनाड़ी वर्ष 1993, हम आपके हैं कौन वर्ष 1994, क्रिमिनल वर्ष 1994, चाहत वर्ष 1996, सर उठा कर जियो वर्ष 1998, राजा जी वर्ष 1999, जानम समझा करो वर्ष 1999, आरजू वर्ष 1999, हम तुम्हारे हैं सनम वर्ष 2002, प्यार दीवाना होता है वर्ष 2002, मेरी बीवी का जवाब नहीं वर्ष 2004 आदि फिल्मों से प्राप्त हुई थी और इनमें से भी हम आपके हैं कौन फिल्म में निभाया गया उनका लल्लू प्रसाद का किरदार सबसे अधिक लोकप्रिय हुआ।
लक्ष्मीकांत बेर्डे का 16 दिसंबर 2004 को किडनी फेलियर के कारण अकस्मात देहांत हो गया। उनकी शवयात्रा में बहुत से मराठी दिग्गज कलाकारों ने जैसे कि महेश कोठारे, अशोक सराफ और सचिन पिलगोंकर आदि ने शिरकत की। अपनी मृत्यु के अंतिम वर्ष में वह खुद की एक प्रोडक्शन कंपनी खोलने के ऊपर काम कर रहे थे जिसका नाम उन्होंने अभिनय आर्ट्स रखा था। यह नाम उन्होंने अपने बेटे के नाम पर रखा था।
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