महमूद का हिंदी सिनेमा के प्रारंभिक दौर में महत्वपूर्ण योगदान है। वह उस समय के सबसे बड़े कॉमेडियन अभिनेता माने जाते थे और आज भी वह कितने ही कॉमेडियंस का प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं। वह केवल एक कॉमेडियन ही नहीं बल्कि अभिनेता, गायक, निर्देशक और निर्माता भी थे। महमूद ने हिंदी सिनेमा में पदार्पण भारतीय स्वतंत्रता से पूर्व वर्ष 1943 में जान मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म किस्मत में अशोक कुमार के बचपन का किरदार निभाकर की थी। इस फिल्म में इन्होंने शेखर की भूमिका निभाई थी। वर्ष 1943 से वर्ष 1998 के मध्य अपने फिल्मी करियर के दौरान उन्होंने लगभग 140 फिल्मों में काम किया। महमूद की अंतिम फिल्म वर्ष 1998 में घर बाजार आई थी। 23 जुलाई 2004 को महमूद का कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज के कारण पेंसिलवेनिया अमेरिका में देहांत हो गया।
महमूद का जन्म 29 सितंबर 1932 को बॉम्बे, बॉम्बे प्रेसीडेंसी ब्रिटिश इंडिया के समय हुआ था। 8 भाई बहनों में यह दूसरे नंबर पर आते थे। इनका पूरा नाम महमूद अली था। इनके पिता का नाम मुमताज अली था वह हिंदी सिनेमा में एक अभिनेता तथा डांसर थे जबकि इनकी माता का नाम लतीफुन्निसा था। इनकी बहनों में से एक बहन मीनू मुमताज भी एक लोकप्रिय डांसर और हिंदी सिनेमा में कैरेक्टर आर्टिस्ट रह चुकी हैं। इनके एक छोटे भाई अनवर अली भी हिंदी सिनेमा में अभिनेता थे। महमूद की शैक्षणिक योग्यता के विषय में तो कोई जानकारी नहीं मिलती है।
वास्तविक नाम | महमूद अली |
महमूद का जन्मदिन | 29 सितंबर 1932 |
महमूद की आयु | 71 वर्ष ( मृत्यु के समय) |
महमूद का जन्म स्थान | बॉम्बे, बॉम्बे प्रेसीडेंसी ब्रिटिश इंडिया |
महमूद की मृत्यु तिथि | 23 जुलाई 2004 |
महमूद का मृत्यु स्थान | पेंसिलवेनिया यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका |
महमूद की मृत्यु का कारण | कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज |
महमूद का मूल निवास स्थान | मुंबई महाराष्ट्र भारत |
महमूद की राष्ट्रीयता | भारतीय |
महमूद का धर्म | इस्लाम |
महमूद की जाती | सुन्नी मुस्लिम |
महमूद की शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
महमूद के स्कूल का नाम | ज्ञात नहीं |
महमूद के कॉलेज का नाम | ज्ञात नहीं |
महमूद का व्यवसाय | अभिनेता, गायक, निर्देश और निर्माता |
महमूद की कुल संपत्ति | 15 करोड़ रुपए के लगभग |
महमूद की वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
महमूद की लंबाई | 5 फुट 8 इंच |
महमूद का वजन | 70 किलोग्राम |
महमूद की आंखों का रंग | गहरा भूरा |
महमूद के बालों का रंग | काला |
महमूद के पिता का नाम | मुमताज अली |
महमूद की माता का नाम | लतीफुन्निसा |
महमूद के भाइयों का नाम | उस्मान अली, शौकत अली, अनवर अली |
महमूद की बहनों का नाम | जुबेदा अली, हुसैनी अली, खैरुन्निसा अली, मीनू मुमताज |
महमूद की पत्नी का नाम | मधु कुमारी ( वर्ष 1953 से 1967) ट्रेसी अली ( दूसरी पत्नी) |
महमूद के बेटों का नाम | मसूद अली, मकसूद अली, ( लकी अली), मखदूम अली, मासूम अली, मनसूर अली और मंजूर अली |
महमूद की बेटियों के नाम | लतीफुन्निसा ( गिन्नी) और किज़्ज़ी ( सौतेली बेटी) |
वर्ष 1943 में महमूद ने ज्ञान मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म किस्मत से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था। इस फिल्म में उन्होंने अशोक कुमार के बचपन शेखर का किरदार निभाया था। वर्ष 1945 में उन्होंने सन्यासी फिल्म में बांके की भूमिका निभाई थी। वर्ष 1951 में उन्होंने हीरा सिंह द्वारा निर्देशित रोमांटिक ड्रामा फिल्म नादान में एक बस कंडक्टर का किरदार निभाया था पूर्णविराम इस फिल्म में मुख्य अभिनेता तथा अभिनेत्री देवानंद और मधुबाला की। वर्ष 1953 में उन्होंने बिमल रॉय द्वारा निर्देशित सुपरहिट फिल्म 2 बीघा जमीन में बलराज साहनी और निरूपा रॉय जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया था। इस फिल्म में उन्होंने मूंगफली बेचने वाले विक्रेता का किरदार निभाया था।
वर्ष 1962 में उन्होंने बीआर पंथुलू द्वारा निर्देशित कॉमेडी फिल्म दिल तेरा दीवाना में शम्मी कपूर और माला सिन्हा के साथ काम किया था। इस फिल्म में इन्होंने अनोखे का किरदार निभाया था। वर्ष 1965 में उन्होंने बतौर निर्माता और निर्देशक एक हॉरर कॉमेडी फिल्म भूत बंगला में काम किया। इस फिल्म में उन्होंने मोहन कुमार की भूमिका भी निभाई थी।
आई एस जौहर के साथ महमूद की जोड़ी को खूब पसंद किया जाता था। वर्ष 1971 में पारस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ कॉमिक अवार्ड फिल्म फेयर अवार्ड से भी नवाजा गया था। अब तक महमूद फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक विशेष पहचान बना चुके थे परंतु वर्ष 1974 में कुंवारा बाप फिल्म से उन को सबसे अधिक लोकप्रियता प्राप्त हुई थी। इस फिल्म के निर्माता भी वही थे और निर्देशक भी। इसी फिल्म से राजेश रोशन को बतौर म्यूजिक निर्देशक पहली बार अपने इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिला था। इस फिल्म में महमूद ने महेश एक रिक्शा चलाने वाले का किरदार निभाया था। इस फिल्म के लिए भी महमूद को सर्वश्रेष्ठ कॉमिक रोल फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
इसी तरह उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को कई सुपरहिट फिल्में दी जैसे कि पॉकेटमार वर्ष 1974, मुंबई टू गोवा वर्ष 1972, जौहर महमूद इन हांगकांग वर्ष 1971, जौहर महमूद इन गोवा वर्ष 1965, सबसे बड़ा रुपैया वर्ष 1976, अमानत वर्ष 1977, देश परदेस वर्ष 1978, एक बाप छे बेटे वर्ष 1978, नौकर वर्ष 1979, चांद का टुकड़ा वर्ष 1994, अंदाज अपना अपना वर्ष 1994 आदि।
महमूद अपनी मृत्यु से पिछले कुछ वर्षों से बीमार चल रहे थे। इसलिए उनको इलाज के लिए अमेरिका ले जाया गया परंतु 23 जुलाई वर्ष 2004 को कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज के कारण पेंसिलवेनिया यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के एक अस्पताल में उनका नींद की हालत में ही देहांत हो गया। जबकि इधर उनके चाहने वाले उन्हीं के महबूब स्टूडियो बांद्रा मुंबई में उनकी अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना कर रहे थे।
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